ऐ पायल ज़रा धीरे छनक
ऐ पायल ज़रा धीरे छनक
दिल को यूँ ही बेक़रार रहने दे ॥
उनके आने कि खुश्बू
हवा में यूँ घुली सी है,
इस आलम का यही ख़ुमार रहने दे ॥
उसके कदमो कि आहट
धड़कन बन कर गूज़ रही है,
इन धड़कनों के शोर को
यूँ ही बरकरार रहने दे ॥
प्यासी नदी सागर से मिलने को है
नदी कि उठती बैठती तरंगों का
यूँ ही मल्हार रहने दे ॥
दिया अभी बुझा नहीं है
दिए कि उन आखिरी बूदों में
मेरा ऐतबार रहने दे ॥
पिया मिलन कि आस में
मन कि एक करुण पुकार है
ये पुकार रहने दे ॥
ऐ पायल ज़र तू धीरे छनक
मेरे दिल को यूँ ही बेक़रार रहने दे ॥